
लखनऊ। बीएसपी मुखिया मायावती ने कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में एक बड़ी रैली का आयोजन किया। इस रैली का उद्देश्य पार्टी की राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन कर 2027 यूपी विधानसभा चुनावों के लिए खुद को एक मजबूत विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया। इस रैली में हजारों बसपा कार्यकर्ताओं की भीड़ उमड़ी थी।
बसपा मुखिया मायावती ने साफ कर दिया कि वह 2027 का यूपी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेंगी। बसपा प्रमुख ने कहा कि गठबंधन में चुनाव लड़ने पर बसपा को कभी विशेष फायदा नहीं हुआ। हमारे वोट दूसरे दलों को ट्रांसफर हो जाते हैं पर फारवर्ड वोट कभी बसपा को नहीं मिलते। 2012 में हमने अकेले लड़ा तो अपने दम पर यूपी में सरकार बनाने में सफलता हासिल की थी।
उन्होंने सपा और कांग्रेस के बाद बीजेपी पर भी हमला बोला। मायावती ने कहा कि भाजपा सरकार ने कई योजनाओं की शुरुआत की है, लेकिन उनका वास्तविक लाभ जमीनी स्तर तक नहीं पहुंचता। बसपा प्रमुख ने अपने संबोधन में लखनऊ के स्मारकों और पार्कों के रखरखाव का मुद्दा उठाया। उन्होंने जब उनकी सरकार में कांशीराम जी के सम्मान में यह स्मारक स्थल बनवाए थे तो टिकट की व्यवस्था की गई थी। इस पैसे को स्मारक स्थल के रखरखाव पर खर्च किया जाना था। जब सपा सरकार आई तो टिकट के पैसे को बिल्कुल नहीं खर्च किया।
इस दौरान बसपा सुप्रीमो बोलीं कि जातिवाद के मामले में सपा सबसे आगे रही है। अब वह राजनीतिक स्वार्थ के लिए पीडीए की हवा हवाई बातें कर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही हैं। सपा सरकार ने हमेशा आरक्षण के मामले में पक्षपात किया। पदोन्नति में आरक्षण को तो लगभग खत्म ही कर दिया गया। सपा सरकार ने गुंडों, माफियाओं और अराजक तत्वों को खुला संरक्षण दिया। आज वही हालात हमें बीजेपी सरकार में भी देखने को मिल रहे हैं।



