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भारत में नवरात्रि पर दस साल की सबसे बड़ी बिक्री

जीएसटी कटौती ने दी नई उड़ान

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दिल्ली/लखनऊ। भारत की उपभोक्ता अर्थव्यवस्था ने इस बार नवरात्रि के मौके पर पिछले एक दशक की सबसे बड़ी बिक्री दर्ज की। ऑटोमोबाइल से लेकर कंज़्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स तक हर क्षेत्र में रिकॉर्ड तोड़ खरीदारी देखी गई। मोदी सरकार के नेक्स्टजेन जीएसटी सुधारों ने इसमें निर्णायक भूमिका निभाई।            ऑटोमोबाइल उद्योग इस बार सबसे बड़ा विजेता रहा। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुज़ुकी ने नवरात्रि में पिछले दस वर्षों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। कंपनी को 1.5 लाख बुकिंग मिलीं और अनुमान है कि यह आँकड़ा 2 लाख तक पहुँच जाएगा। पिछले साल नवरात्रि पर कंपनी ने 85,000 गाड़ियाँ बेची थीं, जबकि इस बार शुरुआती आठ दिनों में ही 1.65 लाख गाड़ियों की डिलीवरी कर दी गई। नवरात्रि के पहले ही दिन मारुति ने 30,000 गाड़ियाँ ग्राहकों को सौंपीं, जो कंपनी के 35 साल के इतिहास का सबसे बड़ा एक-दिन का आँकड़ा है।

अन्य कंपनियाँ भी पीछे नहीं रहीं। महिंद्रा एंड महिंद्रा की बिक्री में 60% की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिसमें XUV700 और Scorpio N जैसे एसयूवी की बड़ी मांग रही। हुंडई की क्रेटा और वेन्यू ने रिकॉर्ड मांग दर्ज की, जिससे एसयूवी की हिस्सेदारी कुल बिक्री में 72% से अधिक पहुँच गई। टाटा मोटर्स ने अल्ट्रोज़, पंच, नेक्सन और टियागो की दमदार बिक्री से 50,000 से अधिक गाड़ियाँ बेचीं। दोपहिया वाहन बाजार भी तेज़ी से उभरा। हीरो मोटोकॉर्प के शोरूम विज़िट दोगुने हो गए, जबकि बजाज ऑटो ने भी मजबूत बिक्री दर्ज की।

त्योहारी उत्साह ने कंज़्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों को भी नई ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया। हायर इंडिया की बिक्री 85% तक उछली और 2.5 लाख रुपये से ऊपर कीमत वाली 85-इंच और 100-इंच टीवी लगभग पूरी तरह बिक गईं। कंपनी ने प्रतिदिन 300–350 यूनिट 65-इंच टीवी भी बेचे। एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने बिक्री को “अभूतपूर्व वृद्धि” बताया। गोदरेज अप्लायंसेज़ ने भी डबल-डिजिट ग्रोथ दर्ज की। विजय सेल्स ने 20% से अधिक की वृद्धि दर्ज की, जबकि रिलायंस रिटेल ने पिछले साल की तुलना में 20–25% अधिक बिक्री हासिल की। इसमें बड़े टीवी, स्मार्टफोन और फैशन कैटेगरी की बड़ी भूमिका रही।

सरकार द्वारा जीएसटी स्लैब का सरलीकरण और आवश्यक व आकांक्षी दोनों प्रकार के उत्पादों पर टैक्स बोझ कम करना इस पूरे उपभोक्ता उत्सव का मुख्य कारण रहा। इससे उपभोक्ताओं में आत्मविश्वास बढ़ा और बड़ी खरीदारी आसान हुई। कंपनियों और खुदरा विक्रेताओं ने इस बार 25% से 100% तक की बिक्री वृद्धि दर्ज की।

विशेषज्ञों का कहना है कि त्योहारों के पहले चरण, ओणम, दुर्गा पूजा और दशहरा कुल वार्षिक त्योहार बिक्री का लगभग 40–45% हिस्सा बनाते हैं। इस लिहाज से नवरात्रि की यह रिकॉर्ड-ब्रेकिंग बिक्री आने वाले दीवाली सीजन के लिए भी शुभ संकेत है।

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